बुधवार, 29 मार्च 2017

नवगीत


कुहरे में डूबी है शाम

कुहरे में डूबी है शाम ,
जी भर के जी लें |
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें ||
मिल-बैठ सुनें ज़रा आओ ,
मौसम की आहट |
ठण्डे हैं पड़ गए रिश्ते ,
भर दें गरमाहट |
मौका है चलो दें निकाल ,
कटुता की कीलें |
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें ||
फिर से इशारों में खेलें ,
प्यार वाला खेल |
जो कुछ भी मन में है दबा ,
सब कुछ दें उड़ेल |
मन से हो मन का संवाद ,
होंठों को सी लें |
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें ||
जितने भी हैं शिकवे-गिले ,
बिसरायें सारे |
रात के आँचल में मिलकर ,
टाँक दें सितारे |
गहरा न जाये अन्धकार ,
जला दें कंदीलें |
आओ मित्र एक कप चाय ,
साथ-साथ पी लें ||


डॉ. दिनेश त्रिपाठी शम्स
जवाहर नवोदय विद्यालय
ग्राम व पोस्ट-घुघुलपुर ,
जनपद – बलरामपुर -271201 , उत्तर प्रदेश
मोबाइल- 9559304131
ईमेल- yogishams@yahoo.com

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