ज्यों के त्यों हैं गाँव
सब घर-घर वही किसान .
परिवर्तन के सुख मगर
लूटें ग्राम प्रधान .
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सामंतों के देश में दमन
भूख संत्रास .
लोकतंत्र का कर रहे
गाँव-गाँव उपहास .
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कागज़ पर ही बस हुआ
थोड़ा-बहुत विकास .
तब भी गाँव हताश थे अब भी
गाँव हताश .
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सपने खोकर नगर में भटक
रहे हम यार .
इससे तो अच्छा वही अपना
गाँव-जंवार.
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फसल कटी चिंता हटी घर में
हुआ अनाज .
पिछली रंजिश के हुए तीखे
हर अंदाज़ .
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बात न्याय की क्या करें
हाल हुआ बेहाल .
पुलिस-अदालत हो गई अब जी
का जंजाल .
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चिंता सर पर चढ गई बेटी
हुई जवान .
कर्ज माँगता फिर रहा बूढा
बाप किसान .
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अबकी जल बरसा नहीं खाली
है खलिहान .
अगहन में गौना बदा साँसत
में है जान .
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जब-जब साहूकार नें करवाया
बेगार .
पानी पीकर सो गया मंगरू
का परिवार .
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ठाकुर के दालान में होने
लगा जमाव .
परधानी का आ गया अब नज़दीक
चुनाव .
डा. दिनेश त्रिपाठी ‘शम्स’
वरिष्ठ प्रवक्ता : जवाहर नवोदय विद्यालय
ग्राम - घुघुलपुर , पोस्ट-देवरिया,
ज़िला - बलरामपुर-२७१२०१ , उ .प्र .
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